“केवल थोड़े से कुकर्म, बहुत से गुणों को दूषित करने में समर्थ होते हैं.”
“जो मनुष्य अपने क्रोध को अपने ही ऊपर झेल लेता है, वह दूसरों के क्रोध से बच जाता है.”
“कुसमय में साहस भी साथ छोड़ देता है”
“कुछ पुस्तकें चलने मात्र की होती हैं, दूसरी निगाह डालने योग्य और कुछ ऐसी होती हैं, जिन्हें चबाया और पचाया जा सके.”
“बुरी पुस्तकों का पढ़ना जहर पीने के समान है.”
“प्रतिभा अपनी राह स्वयं निर्धारित कर लेती है और अपना दीप स्वयं ले चलती है.”
“प्रतिभावान व्यक्ति यदि नष्ट होता है, तो बहुधा अपने ही व्दारा नष्ट होता है.”
“मानव के अंदर जो कुछ सर्वोत्तम है, उसका विकास प्रशंसा तथा प्रोत्साहन के व्दारा किया जा सकता है.”
“यदि तुम चाहते हो कि दुसरे तुम्हारी प्रशंसा करें, तो पहले तुम दूसरों की प्रशंसा करना सीखो.”
“प्रशंसा वह हथियार है, जिससे शत्रु भी मित्र बनाया जा सकता है.”
“कड़ी महेनत करे और सब्र करे. आपको आपका फल जरूर मिलेगा.”
“एक बार यदि आपने कोई दावा कर दिया तो आपको उसे निभाने के लिए कड़ी महेनत और अनुशासन की जरुरत होती है.”
“चरित्र को कभी आसानी से और शांति से विकसित नही किया जा सकता. बल्कि मुश्किलों का अनुभव और मुसीबतों को सहकर, साफ़ दृष्टी रखकर, उच्च विचार रखकर और सफलता प्राप्त करके ही इसे हासिल किया जा सकता है.”
“यदि आप कोशिश करते हो और कुछ भी हासिल नहीं होता तो उसमे आपकी कोई गलती नही है. लेकिन यदि आप जरा भी कोशिश नही करते और हार जाते है तो उसमे पूरी आप ही की गलती है.”
“सिर्फ और सिर्फ आपकी कड़ी मेहनत ही आपको अच्छी किस्मत दे सकती है.”
“जब मै सफल लोगो से मिला तो उन्हें प्रश्न किये की वे अपनी सफलता में किसे शामिल करना चाहते है ? जवाब था – कठिन महेनत और अच्छे लोग.”
“साधारण और असाधारण में अंतर सिर्फ थोड़े सी ज्यादा मेहनत का है.”
“व्यायामशाला में आपके द्वारा किये गये अंतिम 3-4 प्रयासों पर ही आपके मासपेशीयो की ताकत निर्भर करती है. उस समय होने वाली तकलीफ ही आपको भविष्य में विजेता बना सकती है. लेकिन बहोत से लोगो को दर्द सहने की आदत नही होती और इसी वजह से वे पीछे रह जाते है.”
“कोई भी मुझे मेरी आज्ञा के बिना दुखी नही कर सकता.”
“जब तक आपका सामना आपकी सबसे बड़ी कमजोरी से नही हो जाता तब तक आपको अपनी सबसे बड़ी ताकत के बारे में पता नही चलता.”
“जब मै किसी को ये कहते हुए सुनता हु की, ‘जीवन बहोत कठिन है’, मै हमेशा ये पूछने के उत्सुक रहता हु की, ‘जीवन की तुलना किससे की?”
“मैंने अपने जीवन में उस इंसान से कभी कुछ नहीं सिखा जो मुझसे सहमत था”
“एक तो आप दिन रहते दौडिए, नहीं तो दिन आपको दौड़ायेगा”
“अगर हम नही, तो कौन? अगर अभी नहीं, तो कब?”
“श्रध्दा – हमें ज्ञान देती हैं, नम्रता – हमें मान-सन्मान देतीं हैं, और योग्यता – हमें स्थान देती हैं, और जब तीनो मिल जाये तो हमें अमर बना देती है.”..
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