ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना..
कमीज के बटन
ऊपर नीचे लगाना,
वो अपने बाल
खुद न काढ़ पाना,
पी टी शूज को
चाक से चमकाना,
वो काले जूतों को
पैंट से पोंछते जाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...वो बड़े नाखुनों को
दांतों से चबाना,
और लेट आने पर
मैदान का चक्कर लगाना,
वो प्रेयर के समय
क्लास में ही रुक जाना,
पकड़े जाने पर
पेट दर्द का बहाना बनाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो टिन के डिब्बे को
फ़ुटबाल बनाना,
ठोकर मार मार कर
उसे घर तक ले जाना,
साथी के बैठने से पहले
बेंच सरकाना,
और उसके गिरने पे
जोर से खिलखिलाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
गुस्से में एक-दूसरे की
कमीज पे स्याही छिड़काना,
वो लीक करते पेन को
बालों से पोंछते जाना,
बाथरूम में सुतली बम पे
अगरबत्ती लगाकर छुपाना,
और उसके फटने पे
कितना मासूम बन जाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे'
जरा फिर से तो बुलाना...वो गेम्स पीरियड
के लिए सर को पटाना,
यूनिट टेस्ट को टालने के लिए
उनसे गिड़गिड़ाना,
जाड़ो में बाहर धूप में
क्लास लगवाना,
और उनसे घर-परिवार के
किस्से सुनते जाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो बेर वाली के बेर
चुपके से चुराना,
लाल–पीला चूरन खाकर
एक दूसरे को जीभ दिखाना,
खट्टी मीठी इमली देख
जमकर लार टपकाना,
साथी से आइसक्रीम खिलाने
की मिन्नतें करते जाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो लंच से पहले ही
टिफ़िन चट कर जाना,
अचार की खुशबू
पूरे क्साल में फैलाना,
वो पानी पीने में
जमकर देर लगाना,
बाथरूम में लिखे शब्दों को
बार-बार पढ़के सुनाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो एग्ज़ाम से पहले
गुरूजी के चक्कर लगाना,
लगातार बस इंपोर्टेंट
ही पूछते जाना,
वो उनका पूरी किताब में
निशान लगवाना,
और हमारा ढेर सारे कोर्स
को देखकर सर चकराना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो मेरे स्कूल का मुझे,
यहाँ तक पहुँचाना,
और मेरा खुद में खो
उसको भूल जाना,
बाजार में किसी
परिचित से टकराना,
वो जवान गुरूजी का
बूढ़ा चेहरा सामने आना...
तुम सब अपने स्कूल
एक बार जरुर जाना...
Tq
जरा फिर से तो बुलाना..
कमीज के बटन
ऊपर नीचे लगाना,
वो अपने बाल
खुद न काढ़ पाना,
पी टी शूज को
चाक से चमकाना,
वो काले जूतों को
पैंट से पोंछते जाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...वो बड़े नाखुनों को
दांतों से चबाना,
और लेट आने पर
मैदान का चक्कर लगाना,
वो प्रेयर के समय
क्लास में ही रुक जाना,
पकड़े जाने पर
पेट दर्द का बहाना बनाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो टिन के डिब्बे को
फ़ुटबाल बनाना,
ठोकर मार मार कर
उसे घर तक ले जाना,
साथी के बैठने से पहले
बेंच सरकाना,
और उसके गिरने पे
जोर से खिलखिलाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
गुस्से में एक-दूसरे की
कमीज पे स्याही छिड़काना,
वो लीक करते पेन को
बालों से पोंछते जाना,
बाथरूम में सुतली बम पे
अगरबत्ती लगाकर छुपाना,
और उसके फटने पे
कितना मासूम बन जाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे'
जरा फिर से तो बुलाना...वो गेम्स पीरियड
के लिए सर को पटाना,
यूनिट टेस्ट को टालने के लिए
उनसे गिड़गिड़ाना,
जाड़ो में बाहर धूप में
क्लास लगवाना,
और उनसे घर-परिवार के
किस्से सुनते जाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो बेर वाली के बेर
चुपके से चुराना,
लाल–पीला चूरन खाकर
एक दूसरे को जीभ दिखाना,
खट्टी मीठी इमली देख
जमकर लार टपकाना,
साथी से आइसक्रीम खिलाने
की मिन्नतें करते जाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो लंच से पहले ही
टिफ़िन चट कर जाना,
अचार की खुशबू
पूरे क्साल में फैलाना,
वो पानी पीने में
जमकर देर लगाना,
बाथरूम में लिखे शब्दों को
बार-बार पढ़के सुनाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो एग्ज़ाम से पहले
गुरूजी के चक्कर लगाना,
लगातार बस इंपोर्टेंट
ही पूछते जाना,
वो उनका पूरी किताब में
निशान लगवाना,
और हमारा ढेर सारे कोर्स
को देखकर सर चकराना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो मेरे स्कूल का मुझे,
यहाँ तक पहुँचाना,
और मेरा खुद में खो
उसको भूल जाना,
बाजार में किसी
परिचित से टकराना,
वो जवान गुरूजी का
बूढ़ा चेहरा सामने आना...
तुम सब अपने स्कूल
एक बार जरुर जाना...
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