Thursday, 7 February 2019

स्कूल के दिन

ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना..

कमीज के बटन
ऊपर नीचे लगाना,
वो अपने बाल
खुद न काढ़ पाना,
पी टी शूज को
चाक से चमकाना,
वो काले जूतों को
पैंट से पोंछते जाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...वो बड़े नाखुनों को
दांतों से चबाना,
और लेट आने पर
मैदान का चक्कर लगाना,
वो प्रेयर के समय
क्लास में ही रुक जाना,
पकड़े जाने पर
पेट दर्द का बहाना बनाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो टिन के डिब्बे को
फ़ुटबाल बनाना,
ठोकर मार मार कर
उसे घर तक ले जाना,
साथी के बैठने से पहले
बेंच सरकाना,
और उसके गिरने पे
जोर से खिलखिलाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
गुस्से में एक-दूसरे की
कमीज पे स्याही छिड़काना,
वो लीक करते पेन को
बालों से पोंछते जाना,
बाथरूम में सुतली बम पे
अगरबत्ती लगाकर छुपाना,
और उसके फटने पे
कितना मासूम बन जाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे'
जरा फिर से तो बुलाना...वो गेम्स पीरियड
के लिए सर को पटाना,
यूनिट टेस्ट को टालने के लिए
उनसे गिड़गिड़ाना,
जाड़ो में बाहर धूप में
क्लास लगवाना,
और उनसे घर-परिवार के
किस्से सुनते जाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो बेर वाली के बेर
चुपके से चुराना,
लाल–पीला चूरन खाकर
एक दूसरे को जीभ दिखाना,
खट्टी मीठी इमली देख
जमकर लार टपकाना,
साथी से आइसक्रीम खिलाने
की मिन्नतें करते जाना...
 ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो लंच से पहले ही
टिफ़िन चट कर जाना,
अचार की खुशबू
पूरे क्साल में फैलाना,
वो पानी पीने में
जमकर देर लगाना,
बाथरूम में लिखे शब्दों को
बार-बार पढ़के सुनाना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...
वो एग्ज़ाम से पहले
गुरूजी के चक्कर लगाना,
लगातार बस इंपोर्टेंट
ही पूछते जाना,
वो उनका पूरी किताब में
निशान लगवाना,
और हमारा ढेर सारे कोर्स
को देखकर सर चकराना...
ऐ मेरे स्कूल मुझे,
जरा फिर से तो बुलाना...

वो मेरे स्कूल का मुझे,
यहाँ तक पहुँचाना,
और मेरा खुद में खो
उसको भूल जाना,
बाजार में किसी
परिचित से टकराना,
वो जवान गुरूजी का
बूढ़ा चेहरा सामने आना...
तुम सब अपने स्कूल
एक बार जरुर जाना...
                                             Tq

Thursday, 24 May 2018

What is WordPad?


WordPad क्या है?
WordPad एक text-editor है, जो Notepad से कुछ ज्यादा लेकिन MS Word से कुछ कम विशेषताओ के साथ डॉक्युमेंट बनाने में सहायक है. WordPad Windows के हर संस्करण मे सम्मिलित होता है. WordPad डॉक्युमेंट में कई तरह कि formatting की जा सकती है.



WordPad की विंडो कुछ इस प्रकार की दिखाई देती है. ऊपर जो WordPad विंडो आप देख रहे है यह ‘Windows 7’ Operating System में दिखाई देती है, इसलिए हो सकता है आप जब अपने कम्प्युटर मे WordPad को open कर देखें तो आपको WordPad विंडो कुछ अलग दिखाई दे. इस बात से कोई ज्यादा फर्क नही पडता है हाँ ग्राफिक्स में तथा कुछ विशेषताओ का अंतर हो सकता है.
चलो आप भी अपने कम्प्युटर में WordPad को Open करें और मिलान कीजिए की इस Tutorial मे दिखाई गए WordPad विंडो से आपका विंडो कितना समान है. यदि आपको WordPad open करना नही आता है तो आप ‘WordPad को कैसे Open करें Tutorial से इसे Open करना सीख सकते है. इस Tutorial मे WordPad को Open करने के कई अलग-अलग तरीके बताए गए है.
अब आपके सामने WordPad की विंडो है. आपने देखा होगा की यह विंडो कई भागों में विभाजित है. चलिए WordPad की विंडो के इन अलग-अलग भागों को क्रम से जानते है.
1. WordPad Button
WordPad Button WordPad का एक प्रमुख भाग है. यह बटन Menu/Tab Bar में होता है. इस बटन में WordPad में बनने वाली फाईल के लिए कई विकल्प दिए होते है. इसमें आपको WordPad Document को Save, Open, Print आदि कार्य करने के लिए Commands दी होती है. इन्ही Commands के द्वारा WordPad Documents पर कार्य किया जाता है.
2. Quick Access Toolbar
Quick Access Toolbar WordPad का एक विशेष भाग है. यह टूलबार Title bar में होता है. इसे हम शॉर्टकट की तरह उपयोग मे लेते है. इस टूलबार में अधिकतर काम आने वाली commands को add कर दिया जाता है और वे इसमे जुड जाती है. Quick Access Toolbar की सहायता से WordPad में कार्य थोडी speed से हो पाता है.
3. Title Bar
Title bar WordPad विंडो का सबसे ऊपरी भाग है. इस बार पर WordPad मे बनाई गई फाईल के नाम को दिखाया जाता है. जब तक फाईल को रक्षित (save) नही किया जाएगा फाईल का नाम नही दिखाया जाता है और वहां “Document” लिखा होता है. जैसे ही हम फाईल को किसी नाम से रक्षित (save) करते है, तब “Document” के स्थान पर फाईल नाम दिखाया जाता है. Title Bar के दांये कोने में तीन बटन होते है. इन तीन बटन में पहला बटन “Minimize” होता है, जिस पर क्लिक करने से Open Program का Icon Task Bar में आ जाता है. इसका मतलब ये होता है कि यह Program अभी बंद नही किया गया है. इसके ऊपर अभी भी काम किया जा रहा है. दूसरा बटन “Maximize or Restore down” होता है. यह बटन विंडो की Width को कम या ज्यादा करने का कार्य करता है. और तीसरा बटन “Close Button” है. जो प्रोग्राम को बंद करने का कार्य करता है.
4. Ribbon
Ribbon WordPad विंडो का एक और भाग है. यह Title Bar से नीचे होता है. इस पाठ मे दिखाई गई WordPad विंडो में लाल रंग का हिस्सा ही Ribbon है. इस भाग में WordPad Tabs (जो विकल्प menu bar में होते है) के विकल्पों को दिखाया जाता है.
5. Ruler bar
Ruler Bar WordPad विंडो में Text Area के बिल्कुल ऊपर होती है. इससे हमें Page Margin का पता चलता है. WordPad Document को बनाने से पहले या बाद में जितना Page Margin किया जाता है. उतना Margin दिखाने के लिए Ruler Bar में दोनों तरफ यानि दांए तथा बांए तरफ Ruler लग जाता है. फिर जो Text लिखा जाता है, वह इनसे बाहर नही जाता है.
6. Status bar
Status bar WordPad विंडो में Text Area के बिल्कुल नीचे होती है. इस बार में “Zoom Level” नामक टूल होता है, जिसकी सहायता से Page को Zoom in तथा Zoom out किया जा सकता है. Zoom in की सहायता से आप WordPad Window को बडा कर सकते है. और Zoom out की मदद से WordPad Window को वापस छोटा किया जा सकता है.
7. Text Area
Text Area WordPad का सबसे महत्वपूर्ण भाग है. और यह WordPad विंडो का सबसे बडा तथा मध्य भाग होता है. इसी क्षेत्र मे document text को लिखा जाता है.

Monday, 14 May 2018

कम्प्यूटर क्या है ?

कम्प्यूटर क्या है ?

कम्प्यूटर गणितीय और अगणितीय क्रियाओं को करने वाला इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है । यह आँकड़ों को इनपुट के तौर पर लेता है उन्हें प्रोसेस करता है और आउटपुट के तौर पर अर्थपूर्ण नतीजे प्रदान करता है । हम अपरिपक्व तथ्यों को आँकड़े के रूप में इकट्ठे करते हैं और ये आँकड़े कम्प्यूटर में डाले जाते हैं । कम्प्यूटर इन आँकड़ों को प्रोसेस करके हमें सूचनायें प्रदान करता है ।
अक्सर लोग सोचते हैं कि कम्प्यूटर एक सर्वशक्तिमान सुपरमैन की तरह है परन्तु ऐसा है नहीं । यह केवल एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो तीव्र गति से कार्य करता है और गलती नहीं करता है । इसकी क्षमता सीमित है । यह अंग्रेजी शब्द कम्प्यूट से बना है जिसका अर्थ गणना करना है । हिन्दी में इसे संगणक कहते हैं । इसका उपयोग बहुत सारे सूचनाओं को प्रोसेस करने तथा इकट्टा करने के लिए होता है ।
कम्प्यूटर एक यंत्र है व इसे सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के अनुसार किसी परिणाम के लिए प्रोसेस करता है । कम्प्यूटर को कृत्रिम बुद्धि की संज्ञा दी गई है । इसकी स्मरण शक्ति मनुष्य की तुलना में उच्च होती है ।

कम्प्यूटर की विशेषताएँ :

  • यह तीव्र गति से कार्य करता है अर्थात समय की बचत होती है ।
  • यह त्रुटिरहित कार्य करता है ।
  • यह स्थायी तथा विशाल भंडारण क्षमता की सुविधा देता है ।
  • यह पूर्व निर्धारित निर्देशों के अनुसार तीव्र निर्णय लेने में सक्षम है ।

कम्प्यूटर के उपयोग :

  • शिक्षा के क्षेत्र में
  • वैज्ञानिक अनुसंधान में
  • रेलवे तथा वायुयान आरक्षण में
  • बैंक में
  • रक्षा में
  • व्यापार में
  • संचार में
  • मनोरंजन में

कम्प्यूटर के कार्य

  1. डेटा संकलन (Data Collection)
  2. डेटा संचयन (Data Storage)
  3. डेटा संसाधन (Data Processing)
  4. डेटा निर्गमन (Data Output)

Thursday, 15 February 2018

Yade

याद आकर रोज रातों को मुझे जगाया मत कर,
रोतें हैं जाने के बाद तेरे,इतना मुझे हँसाया मत कर ।

तेरे होने से आसमान में उड़ती है उम्मीदें मेरी,
होकर खफा इन्हें जमीन पे गिराया मत कर,
याद आकर रोज रातों को मुझे जगाया मत कर ।

तुझे भनक तक नही है हमारे दर्द की
यूं घाव कुरेतकर फिर मलहम लगाया मत कर,
याद आकर रोज रातों को मुझे जगाया मत कर ।

Thursday, 29 June 2017

computer basic

Bit: बाइनरी अंक (0-1) को संयुक्त रूप से बिट कहा जाता है, यह कम्प्यूटर की सबसे छोटी इकाई है। 
Bite: 8 बिटों को सम्मिलित रूप से बाइट कहा जाता है। एक किलोबाइट में 1024 बाइट होती हैं।
Biochop: जैव प्रौद्योगिकी पर आधारित व सिलिकॉन से बनी इस चिप से ही कम्प्यूटर का विकास हो पाया है।
Backbone:
कम्प्यूटर नेटवर्क में अन्य कम्प्यूटरों को आपस में जोडऩे वाली मुख्य लाइन।
Background Processing:
निम्न प्राथमिकता वाले प्रोग्राम को उच्च प्राथमिकता वाले प्रोग्राम में बदलने की क्रिया।
Back Up:
सामान्यत: Back Up कोई भी प्रोग्राम हो सकता है, जिसके द्वारा कम्प्यूटर को खराब होने से बचाया जा सकता है।
Bad Sector:
स्टोरेज डिवाइस में वह स्थान जहां पर डाटा लिखा या पढ़ा नहीं जा सकता।
Band Width:
डाटा संचरण में प्रयोग की जाने वाली आवृत्ति की उच्चतम और निम्नतम सीमा का अन्तर Band Width कहलाता है।
Base:
संख्या पद्वति में अंकों को व्यक्त करने वाले चिन्हों को कहा जाता है।
Batch File: Dos
ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रोग्राम की वह फाइल जो स्वंय संपादित होती है।
Band:
वह इकाई जो डाटा संचारण की गति को मापता है।
1 Band= 1 Bite/sec
Blinking:
किसी बिंदु पर कर्सर की स्थिति को Blinking कहते हैं।
Biometric Device:
वह डिवाइस जो दो व्यक्तियों के भौतिक गुणों में अंतर कर सकने में सक्षम हो।
Bernoulli Disk:
वह चुम्बकीय डिस्क जो रीड व राइट दोनों में ही सक्षम है, डाटा भण्डारण के लिए प्रयोग की जाती है।
Broad Band:
कम्प्यूटर नेटवर्क जिसके संचरण की गति 1 मिलियन बिट्स प्रति सेकेण्ड या इससे अधिक होती है।
Browse:
जब इंटरनेट पर किसी वेबसाइट को खोजा जाता है तो उस प्रक्रिया को क्चह्म्श2ह्यद्ग कहते हैं।
Browser:
वह साफ्टवेयर जिसके माध्यम से हम इंटरनेट पर अपनी पसंद की वेबसाइट को खोज कर सूचना प्राप्त करते हैं।
Bridge Ware:
यह सॉफ्टवेयर हैं जिसके द्वारा कम्प्यूटरों के मध्य सामंजस्य स्थापित किया जाता है।
Bubble Memory:
जिसमें डाटा को स्टोर करने के लिए चुम्बकीय माध्यमों का प्रयोग किया जाता है।
Buffer:
एक प्रकार की डाटा स्टोरेज डिवाइस है, जो कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार के उपकरणों के बीच डाटा- स्थानन्तरण की गति को एक समान बनाता है।
Burning:
वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा क्रह्ररू में डाटा लिखा जाता है।
Bus:
एक प्रकार का मार्ग है जो डाटा या इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले कर जाता है।
Blue Tooth:
एक लघु रेडियो ट्रांसमीटर होता है जिसके द्वारा सूचनाओं का आदान- प्रदान किया जाता है।
Boot:
ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा किया जाने वाला सबसे प्रारम्भिक कार्य क्चशशह्ल कहलाता है।
Bug:
यह एक प्रकार का श्वह्म्ह्म्शह्म् होता है, जो कम्प्यूटर में उपस्थित प्रोग्रामों में पाया जाता है। क्चह्वद्द को हटाने की प्रक्रिया को ष्ठद्गड्ढह्वद्द कहा जाता है। 

Chip : Chip
सामान्यत: सिलिकॉन अथवा अन्य अद्र्घचालकों से बना छोटा टुकड़ा होता है, जिस पर विभिन्न प्रकार के कार्यों को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बने होते हैं।
Computer Program : किसी कार्य को विधिवत तरीके से पूर्ण करने के लिए कई प्रकार के प्रोग्राम बनाये जाते हैं, जिन्हें Computer Program कहा जाता हैं। सामान्यत:
Computer Program विभिन्न प्रकार की सूचनाओं का समूह होता है।
Cyber Space : Cyber Space द्वारा कम्प्यूटर नेटवर्क में उपस्थित सूचनाओं का आदान-प्रदान पूरे विश्व में किया जाता है।
CD-R/W :
इसे विस्तृत रूप से Compact Disk - Read/Write कहा जाता है। यह एक Storage Device है। जिसमें डाटा को बार-बार लिखा तथा पढ़ा जा सकता है।
CD-R :
इसे विस्तृत रूप से Compact Disk - Recordable कहा जाता है। इस Storage Device में डाटा केवल पढ़ा जा सकता हैं। लेकिन Store डाटा में कोई भी परिवर्तन नहीं
किया जा सकता है।

Wednesday, 8 February 2017

भूत प्रेतों का डेरा

विलेज कुलधरा” – एक श्राप के कारण 200 सालों से हैं वीरान रात को रहता है भूत प्रेतों का डेरा
हमारे देश भारत के कई शहर अपने दामन में कई रहस्यमयी घटनाओ को समेटे हुए है ऐसी ही एक घटना हैं राजस्थान के जैसलमेर जिले के कुलधरा(Kuldhara) गाँव कि, यह गांव पिछले 170 सालों से वीरान पड़ा हैं। कुलधरा(Kuldhara) गाँव के हज़ारों लोग एक ही रात मे इस गांव को खाली कर के चले गए थे  और जाते जाते श्राप दे गए थे कि यहाँ फिर कभी कोई नहीं बस पायेगा। तब से गाँव वीरान पड़ा हैं।

कहा जाता है कि यह गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में हैं, कभी एक हंसता खेलता यह गांव आज एक खंडहर में तब्दील हो चुका हैटूरिस्ट प्लेस में बदल चुके कुलधरा गांव घूमने आने वालों के मुताबिक यहां रहने वाले पालीवाल ब्राह्मणों की आहट आज भी सुनाई देती है। उन्हें वहां हरपल ऐसा अनुभव होता है कि कोई आसपास चल रहा है। बाजार के चहल-पहल की आवाजें आती हैं, महिलाओं के बात करने उनकी चूडिय़ों और पायलों की आवाज हमेशा ही वहां के माहौल को भयावह बनाते हैं। प्रशासन ने इस गांव की सरहद पर एक फाटक बनवा दिया है जिसके पार दिन में तो सैलानी घूमने आते रहते हैं लेकिन रात में इस फाटक को पार करने की कोई हिम्मत नहीं करता हैं।

वैज्ञानिक तरीके से हुआ था गाँव का निर्माण 
कुलधरा(Kuldhara) जैसलमेर से लगभग अठारह किलोमीटर की दूरी पर स्थिति है । पालीवाल समुदाय के इस इलाक़े में चौरासी गांव थे और यह उनमें से एक था । मेहनती और रईस पालीवाल की कुलधार शाखा ने सन 1291 में तकरीबन छह सौ घरों वाले इस गांव को बसाया था। कुलधरा गाँव पूर्ण रूप से वैज्ञानिक तौर पर बना था। ईट पत्थर से बने इस गांव की बनावट ऐसी थी कि यहां कभी गर्मी का अहसास नहीं होता था। कहते हैं कि इस कोण में घर बनाए गये थे कि हवाएं सीधे घर के भीतर होकर गुज़रती थीं । कुलधरा के ये घर रेगिस्ताकन में भी वातानुकूलन का अहसास देते थे । इस जगह गर्मियों में तापमान 45 डिग्री रहता हैं पर आप यदि अब भी भरी गर्मी में इन वीरान पडे मकानो में जायेंगे तो आपको शीतलता का अनुभव होगा। गांव के तमाम घर झरोखों के ज़रिए आपस में जुड़े थे इसलिए एक सिरे वाले घर से दूसरे सिरे तक अपनी बात आसानी से पहुंचाई जा सकती थी । घरों के भीतर पानी के कुंड, ताक और सीढि़यां कमाल के हैं ।

पालीवाल ब्राम्हण होते हुए भी बहुत ही उद्यमी समुदाय था । अपनी बुद्धिमत्ताl, अपने कौशल और अटूट परिश्रम के रहते पालीवालों ने धरती पर सोना उगाया था । हैरत की बात ये है कि पाली से कुलधरा आने के बाद पालीवालों ने रेगिस्तापनी सरज़मीं के बीचोंबीच इस गांव को बसाते हुए खेती पर केंद्रित समाज की परिकल्पलना की थी । रेगिस्ता़न में खेती । पालीवालों के समृद्धि का रहस्य था । जिप्सरम की परत वाली ज़मीन को पहचानना और वहां पर बस जाना । पालीवाल अपनी वैज्ञानिक सोच, प्रयोगों और आधुनिकता की वजह से उस समय में भी इतनी तरक्की कर पाए थे ।
पालीवाल समुदाय आमतौर पर खेती और मवेशी पालने पर निर्भर रहता था । और बड़ी शान से जीता था । जिप्सआम की परत बारिश के पानी को ज़मीन में अवशोषित होने से रोकती और इसी पानी से पालीवाल खेती करते । और ऐसी वैसी नहीं बल्कि जबर्दस्तं फसल पैदा करते । पालीवालों के जल-प्रबंधन की इसी तकनीक ने थार रेगिस्तारन को इंसानों और मवेशियों की आबादी या तादाद के हिसाब से दुनिया का सबसे सघन रेगिस्ताकन बनाया । पालीवालों ने ऐसी तकनीक विकसित की थी कि बारिश का पानी रेत में गुम नहीं होता था बल्कि एक खास गहराई पर जमा हो जाता था ।

कुलधरा के वीरान होने कि कहानी (Story of Kuldhara)
जो गाँव इतना विकसित था तो फिर क्या वजह रही कि वो गाँव रातों रात वीरान हो गया। इसकी वजह था गाँव   का अय्याश दीवान सालम सिंह जिसकी गन्दी नज़र गाँव कि एक खूबसूरत लड़की पर पड़ गयी थी। दीवान उस लड़की के पीछे इस कदर पागल था कि बस किसी तरह से उसे पा लेना चाहता था। उसने इसके लिए ब्राह्मणों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। हद तो तब हो गई कि जब सत्ता के मद में चूर उस दीवान ने लड़की के घर संदेश भिजवाया कि यदि अगले पूर्णमासी तक उसे लड़की नहीं मिली तो वह गांव पर हमला करके लड़की को उठा ले जाएगा। गांववालों के लिए यह मुश्किल की घड़ी थी। उन्हें या तो गांव बचाना था या फिर अपनी बेटी। इस विषय पर निर्णय लेने के लिए सभी 84 गांव वाले एक मंदिर पर इकट्ठा हो गए और पंचायतों ने फैसला किया कि कुछ भी हो जाए अपनी लड़की उस दीवान को नहीं देंगे।
फिर क्या था, गांव वालों ने गांव खाली करने का निर्णय कर लिया और रातोंरात सभी 84 गांव आंखों से ओझल हो गए। जाते-जाते उन्होंने श्राप दिया कि आज के बाद इन घरों में कोई नहीं बस पाएगा। आज भी वहां की हालत वैसी ही है जैसी उस रात थी जब लोग इसे छोड़ कर गए थे।

आज भी है श्राप का असर:
पालीवाल ब्राह्मणों के श्राप का असर यहां आज भी देखा जा सकता है। जैसलमेर के स्थानीय निवासियों की मानें तो कुछ परिवारों ने इस जगह पर बसने की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। स्थानिय लोगों का तो यहां तक कहना है कि कुछ परिवार ऐसे भी हैं, जो वहां गए जरूर लेकिन लौटकर नहीं आए। उनका क्या हुआ, वे कहां गए कोई नहीं जानता।
यहां के धरती में दबा है सोना इसलिए आते हैं पर्यटक: 
पर्यटक यहां इस चाह में आते हैं कि उन्हें यहां दबा हुआ सोना मिल जाए। इतिहासकारों के मुताबिक पालीवाल ब्राह्मणों ने अपनी संपत्ति जिसमें भारी मात्रा में सोना-चांदी और हीरे-जवाहरात थे, उसे जमीन के अंदर दबा रखा था। यही वजह है कि जो कोई भी यहां आता है वह जगह-जगह खुदाई करने लग जाता है। इस उम्मीद से कि शायद वह सोना उनके हाथ लग जाए। यह गांव आज भी जगह-जगह से खुदा हुआ मिलता है।
पेरानार्मल सोसायटी की टीम ने कि कुलधरा में पड़ताल :-
मई 2013 मे दिल्ली से आई भूत प्रेत व आत्माओं पर रिसर्च करने वाली पेरानार्मल सोसायटी की टीम ने कुलधरा(Kuldhara) गांव में बिताई रात। टीम ने माना कि यहां कुछ न कुछ असामान्य जरूर है। टीम के एक सदस्य ने बताया कि विजिट के दौरान रात में कई बार मैंने महसूस किया कि किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा, जब मुड़कर देखा तो वहां कोई नहीं था। पेरानॉर्मल सोसायटी के उपाध्यक्ष अंशुल शर्मा ने बताया था कि हमारे पास एक डिवाइस है जिसका नाम गोस्ट बॉक्स है। इसके माध्यम से हम ऐसी जगहों पर रहने वाली आत्माओं से सवाल पूछते हैं। कुलधरा में भी ऐसा ही किया जहां कुछ आवाजें आई तो कहीं असामान्य रूप से आत्माओं ने अपने नाम भी बताए। शनिवार चार मई की रात्रि में जो टीम कुलधरा गई थी उनकी गाडिय़ों पर बच्चों के हाथ के निशान मिले। टीम के सदस्य जब कुलधरा गांव में घूमकर वापस लौटे तो उनकी गाडिय़ों के कांच पर बच्चों के पंजे के निशान दिखाई दिए। (जैसा कि कुलधरा(Kuldhara) गई टीम के सदस्यों ने मीडिया को बताया )


स्कूल के दिन

ऐ मेरे स्कूल मुझे, जरा फिर से तो बुलाना.. कमीज के बटन ऊपर नीचे लगाना, वो अपने बाल खुद न काढ़ पाना, पी टी शूज को चाक से चमकाना, वो ...